संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने स्टेट ऑफ द वर्ल्ड चिल्ड्रेन रिपोर्ट 2016 जारी किया. यह रिपोर्ट ‘सभी के लिए समान अवसर’ पर केन्द्रित है. रिपोर्ट में विश्व में बच्चों की स्थिति तथा उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए किए जाने वाले कार्यों की जानकारी दी गई है. वर्ष 2030 तक विश्वभर में पांच साल से कम उम्र के 16.7 करोड़ बच्चे गरीबी की चपेट में होंगे. इनमें 6.9 करोड़ बच्चों की मौत भी गरीबी से ही होगी.
• यूनिसेफ ने अपनी रिपोर्ट में चिंता जताते हुए कहा कि जिन वजहों से बच्चों की मौत होगी, उन्हें रोका जा सकता है.
• वर्ष 2030 तक 75 करोड़ लड़कियां कम उम्र में ब्याह दी जाएंगी.
• वर्ष 2030 तक कुपोषण के कारण सात करोड़ बच्चे पांच साल की उम्र से पहले ही दम तोड़ देंगे.
• पांच साल से कम उम्र के गरीब बच्चों की मौतों का आंकड़ा दोगुना हो गया है, क्योंकि ये ज्यादा कुपोषित होते हैं.
• विश्व को पिछले 25 वर्षों में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए सर्वाधिक गरीब बच्चों की मदद करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
• सामाजिक समूहों और आर्थिक सूचकांक के आधार पर बताया गया है कि प्री-स्कूल के लिए बच्चों को आंगनवाड़ी भेजने में अनुसूचित जनजाति तथा निर्धनतम परिवार सबसे आगे हैं.
भारत में तीन साल से छह साल की उम्र के कुल 7.4 करोड़ बच्चों में से करीब दो करोड़ बच्चे औपचारिक पढ़ाई शुरू करने से पहले प्री स्कूल नहीं जा पाते और इनमें से ज्यादातर बच्चे निर्धन एवं समाज के कमजोर वर्गों के हैं.
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