एयरसेल-मैक्सिस : 2जी लाइसेंस हस्तांतरण पर रोक उच्चतम न्यायालय ने मलेशिया की मैक्सिस से 2जी लाइसेंस किसी अन्य दूरसंचार कंपनी को हस्तांरित करने पर आज रोक लगा दी। यह 2जी लाइसेंस मूलरूप से एयरसेल को आबंटित किया गया था। प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, न्यायमूर्ति एन वी रमण और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने यह भी कहा कि वह एयरसेल को 2006 में आबंटित किए गए इस 2जी
स्पेक्ट्रम लाइसेंस का इस्तेमाल करके इससे किसी भी तरह का राजस्व अर्जित करने पर रोक लगाने का विचार कर रही है। पीठ ने कहा कि यह आदेश मैक्सिस समूह के मालिक मलेशियाई कारोबारी टी आनंद कृष्णन की शीर्ष अदालत में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए दिया जा रहा है।Current Affairs 2017, Business, SUPREME COURT,
पीठ ने कहा कि यदि मैक्सिस कंपनी के आनंद कृष्णन और राल्फ मार्शल 27 जनवरी को शीर्ष अदालत में हाजिर होने में असफल रहे तो एयरसेल को दिए गए 2जी लाइसेंस जब्त कर लिए जाएंगे। न्यायालय ने दूरसंचार मंत्रालय से कहा कि वह 2जी लाइसेंस किसी अन्य सेवा प्रदाता को अस्थाई रूप से हस्तांतरित करने संबंधी ओदश से एयरसेल के उपभोक्ताओं को होने वाले प्रतिकूल प्रभाव से बचाने के लिए उचित उपाय तैयार करे। पीठ ने कहा, 'हम भारत के स्पेक्ट्रम जैसे राष्ट्रीय संसाधन इस्तेमाल करने और न्यायालय के नोटिस का सम्मान नहीं करने वाले व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। आनंद कृष्णा कानून से बच नहीं सकते।'
शीर्ष अदालत ने भारत सरकार को निर्देश दिया कि वह न्यायालय के इस आदेश को मलेशिया के दो प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाए। न्यायलय ने यह भी निर्देश दिया कि यदि प्रस्तावित आदेश दिया गया तो किसी भी आरोपी के पास आर्थिक नुकसान का सवाल उठाने का अवसर नहीं रहेगा।
पीठ ने इस मामले को अगली सुनवाई के लिए 27 जनवरी को सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हुए कहा कि भाजपा नेता सुब्रमणियन स्वामी की याचिका में उठाए गए दूसरे बिंदुओं पर बाद में विचार किया जाएगा। स्वामी ने आरोप लगाया है कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड द्वारा एयरसेल मैक्सिस को दी गई मंजूरी गैरकानूनी थी। विशेष 2जी अभियोजक आनंद ग्रोवर ने कहा कि इस मामले में अभियोगों के निर्धारण की कार्रवाई 9 जनवरी को होनी है।