सितार वादक अब्दुल हलीम जफर खान का निधन सितार वादक अब्दुल हलीम जफर खान का 4 जनवरी 2017 को निधन हो गया. वे 88 वर्ष के थे. वे 'सितार त्रयी' के आखिरी जीवित कलाकार थे जिसमें उस्ताद विलायत खान, पंडित रविशंकर भी शामिल थे.वे इस क्षेत्र के सबसे बड़े कलाकारों में उस्ताद मुश्ताक अली खान, पं. निखिल बैनर्जी, उस्ताद विलायत खां, पं. रविशंकर जैसे पांच सितारों में से एक थे. अब्दुल हलीम जफर खान
के बारे में:Current Affairs 2017, Passes away,
• अब्दुल हलीम जफर खान का जन्म 15 फरवरी 1927 को मध्य प्रदेश में हुआ था.
• वे इंदौर घराने के कलाकार थे.
• वे जफरखानी बाज शैली के लिए पहचाने जाते थे.
• वे सितार जगत के जानेमाने कलाकार थे.
• उन्हें पद्म भूषण, पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
• उन्हें खैरागढ़ इंदिरा कला विश्वविद्यालय में डीलिट की उपाधि से सम्मानित किया गया था. डीलिट की उपाधि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पं. विमलेंदु मुखर्जी के द्वारा प्रदान की गई थी.
• वे वर्ष 1940 में ऑल इंडिया रेडियो में भी काम किए.
• उन्होंने वर्ष 1976 में मुंबई में सितार हेतु हलीम अकादमी की स्थापना की.
• उन्होंने मुगल-ए-आजम, झनक झनक पायल बाजे, कोहिनूर तथा अन्य फिल्मों के लिए संगीत दिया.
• उन्होंने वर्ष 1963 में प्रसिद्ध अंग्रेजी शास्त्रीय गिटारवादक जूलियन ब्रीम के साथ भी प्रदर्शन किया.
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