शिव को एशियाई चैम्पियनशिप में रजत, दो अन्य मुक्केबाज बाक्स-ऑफ में हारे
ताशकंद। चौथे वरीय शिव थापा 60 किग्रा को आज यहां एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में चोट के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा जिससे वह इस महाद्वीपीय प्रतियोगिता में लगातार तीन पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए। शिव फाइनल में दूसरे वरीय और स्थानीय प्रबल दावेदार एलनुर अब्दुराईमोव के खिलाफ रिंग में थे, वह स्पिलिट फैसले में हार गए क्योंकि अपने प्रतिद्वंद्वी के हेडबट से उन्हें चोट लग गई।
शुरुआती दौर के अंतिम कुछ सेंकेंड में शिव को यह चोट लगी जिससे रैफरी ने बाउट रोक दी। इससे पहले उन्होंने 2013 में स्वर्ण और 2015 सत्र में कांस्य पदक जीता था।
शिव ने कहा, ‘‘मैं दो लक्ष्य हासिल करके खुश हूं, एक तो मैं पदक जीत सका और दूसरा विश्व चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई कर पाया। यह लाइटवेट में पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट है और मेरा हमेशा मानना था कि मैं इसे हासिल कर सकता हूं। ’’
शिव ने पिछले साल बैंथमवेट 56 किग्रा से लाइटवेट में खेलने का फैसला किया था, वह बैंथमवेट में विश्व चैम्पियनशिप का कांस्य पदक जीत चुके हैं।
इस 23 वर्षीय मुक्केबाज ने ओलंपिक कांस्य पदकधारी, एशियाई खेलों के स्वर्ण पदकधारी और शीर्ष वरीय मंगोलिया के दोरजनयाम्बु ओटगोंडालाई को सेमीफाइनल में हराया था, जिसके दौरान उनकी आंख के उपर चोट लग गई थी।
भारत के लिए कुछ निराशा भी रही क्योंकि गौरव बिधूड़ी 56 किग्रा और मनीष पंवार 81 किग्रा विश्व चैम्पियनशिप के बाक्स आफ में हार गए थे।
गौरव को जापान के रयोमेई टनाका से जबकि मनीष को पाकिस्तान के अवेस अली खान से पराजय का मुंह देखना पड़ा।
विश्व चैम्पियनशिप अगस्त-सितंबर में आयोजित की जाएगी और यहां से प्रत्येक वजन वर्ग से शीर्ष छह मुक्केबाज जर्मनी में होने वाली इस शीर्ष प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई करेंगे।
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